क्यों मनाया जाता है विश्व वन्यजीव दिवस, जानिए इसके बारे में सबकुछ
विश्व वन्यजीव दिवस के अवसर पर इन प्रजातियों के संरक्षण और निरंतर प्रबंधन और भविष्य की पहलों के लिए समर्थन बढ़ाने हेतु सफल पहल का भी जश्न मनाया जाता है.
प्रतिवर्ष 03 मार्च को सम्पूर्ण देश में विश्व वन्यजीव दिवस (World Wildlife Day) मनाया जाता है. विश्व वन्यजीव दिवस के रूप में नामित करने का मुख्य उद्देश्य दुनिया के वन्य जीवों एवं वनस्पतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है.
इस खास दिवस पर विश्वभर की सरकारें वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए कई तरह के जागरूकता अभियान आोजित करती हैं. वहीं संयुक्त राष्ट्र महासभा हर साल अलग-अलग थीम से इस खास दिवस को मनाता है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी इस खास दिवस के मौके पर ट्वीट कर वन्यजीवों के संरक्षण के लिए काम करने वाले लोगों की सराहना की.
अलग-अलग थीम
विश्व वन्यजीव दिवस के अवसर पर इन प्रजातियों के संरक्षण और निरंतर प्रबंधन और भविष्य की पहलों के लिए समर्थन बढ़ाने हेतु सफल पहल का भी जश्न मनाया जाता है. प्रतिवर्ष लोगों को अलग-अलग थीम के माध्यम से प्रकृति से विलुप्त हो रहे जीव, प्रजातियों और प्राकृतिक वस्तुओं का संरक्षण करने हेतु जागरूक किया जाता है.
विश्व वन्यजीव दिवस क्यों मनाया जाता है?
विश्व वन्यजीव दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य विश्वभर में वन्यजीवों की सुरक्षा तथा वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों के प्रति लोगों को जागरूक करना है. पूरे विश्व के सभी देशों के साथ इस दिन भारत में भी वन्य जीवों हेतु जागरूकता फैलाई जाती है और प्रकृति और मानव के संबंधों को दर्शाया जाता है.
विश्व वन्यजीव दिवस का इतिहास
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 20 दिसंबर 2013 को 68वें सत्र में 03 मार्च को विश्व वन्यजीव दिवस घोषित किया था. तीन मार्च को विलुप्तप्राय वन्यजीव और वनस्पति के व्यापार पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को स्वीकृत किया गया था. वन्य जीवों को विलुप्त होने से रोकने हेतु सर्वप्रथम साल 1872 में जंगली हाथी संरक्षण अधिनियम (वाइल्ड एलीफेंट प्रिजर्वेशन एक्ट) पारित हुआ था.
विश्व वन्यजीव दिवस 2021 की थीम
संयुक्त राष्ट्र महासभा के द्वारा इस साल विश्व वन्यजीव दिवस की थीम 'वन और आजीविका: लोगों और ग्रह को बनाए रखना' है. बता दें कि पिछले साल 2020 में विश्व वन्यजीव दिवस की थीम 'पृथ्वी पर जीवन कायम रखना' रखी गई थी.
पहला विश्व वन्यजीव दिवस
पहला विश्व वन्यजीव दिवस 03 मार्च 2014 को मनाया गया था. भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआईआई) की स्थापना 1982 में की गई. यह संस्थान केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के अधीन एक स्वशासी संस्थान है जिसे वन्यजीव संरक्षण क्षेत्र के प्रशिक्षण और अनुसंधान संस्थान के रूप में मान्यता दी गई है.
समुद्री जीव-जंतु अत्यंत दबाव में
एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान दौर में समुद्री जीव-जंतु अत्यंत दबाव में है. उन पर जलवायु परिवर्तन तथा प्रदूषण का बहुत अधिक असर हुआ है. तटीय प्रजातियां विलुप्त होने की कगार पर हैं और उनका अत्यधिक दोहन किया जा रहा है. एक तिहाई वाणिज्यिक मत्स्य भंडार इसीलिए समाप्त हो गया है क्योंकि मछलियों को लगातार पकड़ा जाता है. दूसरी ओर अन्य कई प्रजातियों, बड़े समुद्री पक्षियों से लेकर कछुओं तक पर, महासागरीय संसाधनों के गैर सतत उपयोग के वजह से संकट मंडरा रहा है.
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